भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कादम्बरी / पृष्ठ 140 / दामोदर झा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दामोदर झा |अनुवादक= |संग्रह=कादम्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:30, 31 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

1.
हमर चरित वर्णन कयलनि जाबालि महामुनि
पूर्व जन्म केर सब किछु सुमिरन कयलहुँ से सुनि।
दुहु जन्मक सब ज्ञान हृदयमे आश्रय लेले
जे जे विद्या पढ़ने छलहुँ प्रकट सब भेले॥

2.
पिता श्वेतकेतुक प्रिय पुत्र छलहुँ हम पहिने
पुण्डरीक छल नाम इन्दिरा माता तेहने।
औखन अछि ओ देह चन्द्र मण्डलमे राखल
प्रिया महाश्वेता लय हुनक अमृतसँ माखल॥

3.
शुकनासक सुत तखन छलहुँ वैशम्पायन भय
उत्सुक रहलहुँ चन्द्रापीड़क अवलोकन लय।
उत्सुक रहलहुँ चन्द्रापीड़क अवलोकन लय।
आब बनल छी शुक तिर्यकतनु हाथो नहि अछि
भूतलमे क्यो हमरा जकाँ अनाथो नहि अछि॥