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चुभते चौपदे
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रचनाकार | अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
गागर में सागर
जाति के जीवन
हित-गुटके
काम के कलाम
संजीवनी बूटी
जगाने की कला
विपत्ति के बादल
नाड़ी की टटोल
जाति राह के रोड़े
आठ-आठ आँसू
- चार जाति
- चार नाते
- हमारी देवियाँ
- निघरघट
- बेवायें
- नापाकपन
- बेटियाँ
- बेजोड़ ब्याह
- बूढ़े का ब्याह
- कच्चे फल
- लथेड़
- लताड़