भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सरोवर सुखा रहल अछि / मन्त्रेश्वर झा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मन्त्रेश्वर झा |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:54, 24 मार्च 2014 के समय का अवतरण
सरोवर मे आब कमल नहि
उगैत अछि,
अशान्त भऽ गेल अछि सरोवर,
माछक हसेरी मे मचि गेल
अछि उठा पटक
बड़का माछ, छोटका माछ
अपन अपन अधिकार लेल
फाँड़ कसने अछि
राजनीति बजरि गेल अछि
कते भकसत-
कोन मलाहक चारा
बेचारा!
के चढ़त सिंहासन
के पहिरत मुकुट
मलाह सभ चारू कात
बंसी पथने बैसल अछि
चारा फेंकि रहल अछि
मुइल माछक चारा गिरबाक लेल
जीवित माछ एक दोसरा पर
आक्रमण कऽ रहल अछि
मलाह चारा सुँघाय
बंसी छीपि रहल अछि
बंसी मे बझलाहा माछ लहुलुहान
भेल तड़पि रहल अछि
किछु माछ जाल मे
फँसल छटपटा रहल अछि
सरोवर मे माछक राजनीति
आब मलाहक बीचक राजनीति
भऽ गेल अछि
खरीद विक्री चालू अछि
मलाहक पौ बारह अछि
मारा-मारीक राजनीति मे
सरोवरक सर्वस्व गन्हा रहल अछि।
सरोवर आब सुखा रहल अछि।