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हँ, हँ
पीटू ढोल, सीटू साँची
मारू ठोकर, दारू बोतल
खेल अपन, मैदानो अपने
दपटि लपटि के मारू गोल
अपन रेफरी अनकर फाउल
बाजा अपने अपने गाओल
न्याय धर्म के पहिरू खोल
पीटू ढोल।
डमक डमक डम डमरू छोडू
महादेव के मन्दिर गोरू
शक्ति बुत्त भए ताण्डव नाचू
गर्ज गर्जके हो अनघोल
पीटू ढोल।
अपन प्रशंसा अपने कर्ता
स्वयं विधाता के अभिकर्त्ता
टाका टका टके सँ टाका
मोल तोल मे की अनमोल
पीटू ढोल