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"कदम कदम बढाये जा / वंशीधर शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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कदम कदम बढाए जा
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क़दम क़दम बढाए जा
खुशी के गीत गाए जा
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ख़ुशी के गीत गाए जा
ये जिंदगी है कौम की
+
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू कौम पर लुटाए जा
+
तू क़ौम पर लुटाए जा
 
उड़ी तमिस्र रात है, जगा नया प्रभात है,
 
उड़ी तमिस्र रात है, जगा नया प्रभात है,
चली नयी जमात है, मानो कोई बरात है,
+
चली नई ज़मात है, मानो कोई बरात है,
 
समय है मुस्कराए जा
 
समय है मुस्कराए जा
खुशी के गीत गाए जा
+
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये जिंदगी है कौम की
+
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू कौम पर लुटाए जा।
+
तू क़ौम पर लुटाए जा ।
जो आ पडे कोई विपत्ति मार के भगाए गे,
+
जो आ पडे कोई विपत्ति मार के भगाएँगे,
जो आए मौत सामने तो दांत तोड लायेंगे,
+
जो आए मौत सामने तो दाँत तोड़ लाएँगे,
 
बहार की बहार में,
 
बहार की बहार में,
बहार ही लुटाए जा।
+
बहार ही लुटाए जा ।
कदम कदम बढाए जा
+
क़दम क़दम बढाए जा
खुशी के गीत गाए जा,
+
ख़ुशी के गीत गाए जा
 +
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
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तू क़ौम पर लुटाए जा ।
 
जहाँ तलक न लक्ष्य पूर्ण हो समर करेगे हम,
 
जहाँ तलक न लक्ष्य पूर्ण हो समर करेगे हम,
खड़ा हो शत्रु सामने तो शीश पै चढेंगे हम,
+
खड़ा हो शत्रु सामने तो शीश पै चढ़ेंगे हम,
 
विजय हमारे हाथ है
 
विजय हमारे हाथ है
विजय ध्वजा उड़ाए जा
+
क़दम क़दम बढाए जा
कदम कदम बढाए जा
+
ख़ुशी के गीत गाए जा
खुशी के गीत गाए जा
+
क़दम बढ़े तो बढ़ चले आकाश तक चढ़ेगे हम
कदम बढे तो बढ चले आकाश तक चढेंगे हम
+
 
लड़े है लड़ रहे है तो जहान से लड़ेगे हम,
 
लड़े है लड़ रहे है तो जहान से लड़ेगे हम,
बड़ी लड़ाईया है तो
+
बड़ी लड़ाइयाँ हैं तो
बड़ा कदम बड़ाए जा
+
बड़ा क़दम बढ़ाए जा
खुशी के गीत गाए जा
+
ख़ुशी के गीत गाए जा
 
निगाह चौमुखी रहे विचार लक्ष्य पर रहे
 
निगाह चौमुखी रहे विचार लक्ष्य पर रहे
 
जिधर से शत्रु आ रहा उसी तरफ़ नज़र रहे
 
जिधर से शत्रु आ रहा उसी तरफ़ नज़र रहे
 
स्वतंत्रता का युद्ध है
 
स्वतंत्रता का युद्ध है
 
स्वतंत्र होके गाए जा
 
स्वतंत्र होके गाए जा
कदम कदम बढाए जा
+
क़दम क़दम बढाए जा
खुशी के गीत गाए जा
+
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये जिंदगी है कौम की
+
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू कौम पर लुटाए जा।
+
तू क़ौम पर लुटाए जा ।
 
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12:26, 29 मई 2014 के समय का अवतरण

क़दम क़दम बढाए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू क़ौम पर लुटाए जा ।
उड़ी तमिस्र रात है, जगा नया प्रभात है,
चली नई ज़मात है, मानो कोई बरात है,
समय है मुस्कराए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू क़ौम पर लुटाए जा ।
जो आ पडे कोई विपत्ति मार के भगाएँगे,
जो आए मौत सामने तो दाँत तोड़ लाएँगे,
बहार की बहार में,
बहार ही लुटाए जा ।
क़दम क़दम बढाए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू क़ौम पर लुटाए जा ।
जहाँ तलक न लक्ष्य पूर्ण हो समर करेगे हम,
खड़ा हो शत्रु सामने तो शीश पै चढ़ेंगे हम,
विजय हमारे हाथ है
क़दम क़दम बढाए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
क़दम बढ़े तो बढ़ चले आकाश तक चढ़ेगे हम
लड़े है लड़ रहे है तो जहान से लड़ेगे हम,
बड़ी लड़ाइयाँ हैं तो
बड़ा क़दम बढ़ाए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
निगाह चौमुखी रहे विचार लक्ष्य पर रहे
जिधर से शत्रु आ रहा उसी तरफ़ नज़र रहे
स्वतंत्रता का युद्ध है
स्वतंत्र होके गाए जा
क़दम क़दम बढाए जा
ख़ुशी के गीत गाए जा
ये ज़िन्दगी है क़ौम की
तू क़ौम पर लुटाए जा ।