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"आरती उतारे साई बाबा की / आरती" के अवतरणों में अंतर

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आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ।<BR>
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आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
चरणों के तेरे हम पुजारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>
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चरणों के तेरे हम पुजारी साईं बाबा।
  
विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो<BR>
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विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो
तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो<BR>
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तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो
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हे जगदाता अवतारे, साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>
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आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
  
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी<BR>
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ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी <BR>
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ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी  
सुन लो विनती हमारी साईँ बाबा ।<BR>
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सुन लो विनती हमारी साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>
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आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
  
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति <BR>
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आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति  
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति<BR>
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सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति
शिरडी के संत चमत्कारी साईँ बाबा ।<BR>
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शिरडी के संत चमत्कारी साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>
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आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
  
भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम<BR>
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भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम<BR>
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प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम
दुखिया जनों के हितकारी साईँ बाबा ।<BR>
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दुखिया जनों के हितकारी साईं बाबा।
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आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
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11:54, 30 मई 2014 के समय का अवतरण

अष्टक   ♦   आरतियाँ   ♦   चालीसा   ♦   भजन   ♦   प्रार्थनाएँ   ♦   श्लोक

   
आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।
चरणों के तेरे हम पुजारी साईं बाबा।

विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो
तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो
हे जगदाता अवतारे, साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।

ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी
सुन लो विनती हमारी साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।

आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति
शिरडी के संत चमत्कारी साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।

भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम
दुखिया जनों के हितकारी साईं बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईं बाबा।