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"राजद्रोही / नित्यानंद गायेन" के अवतरणों में अंतर
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13:27, 17 जून 2014 के समय का अवतरण
कागज़ पर लिखा
सम्राट,
सेना,
फिर लिखा --
ग़ुलाम,
दासता,
जय-जयकार,
सम्राट प्रसन्न हुए...
अब लिखा मैंने
तानाशाह
निरंकुश
विद्रोह
और कारागार
इस बार
राजा के आदेश पर
खंजर से मेरे सीने पर लिखा गया
राजद्रोही...!!