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"रंगीन चमकीली चीजें / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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सोख लेती हैं
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जो किसी भी रंग की ऊर्जा का इस्तेमाल,
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केवल रंग-बिरंगा झूठ बोलती हैं
अपने लिए नहीं करता,
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जो वस्तु जितनी ज्यादा चमकीली होती है
सारे रंगों को जस का तस वापस लौटा देता है,
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वो उतना ही बड़ा झूठ बोल रही होती है
इसीलिए तो आइना हमें सच दिखाता है,
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बाकी सारी वस्तुएँ,
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केवल रंगबिरंगा झूठ बोलती हैं,
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जो वस्तु जितनी ज्यादा चमकीली होती है,
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वो उतना ही बड़ा झूठ बोल रही होती है।
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17:24, 7 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

रंगीन चमकीली चीजें प्रकाश के उन रंगों को
जो उनके जैसे नहीं होते
सोख लेती हैं
और उनकी ऊर्जा से अपने रंग बनाती हैं
और हम समझते हैं कि ये उनके अपने रंग हैं

जिन्हें हम रंगीन वस्तुएँ कहते हैं,
वे दरअसल दूसरे रंगों की हत्यारी होती हैं

केवल आइना ही है
जो किसी भी रंग की ऊर्जा का इस्तेमाल
अपने लिए नहीं करता
सारे रंगों को जस का तस वापस लौटा देता है
इसीलिए आइना हमें सच दिखा पाता है

बाकी सारी वस्तुएँ
केवल रंग-बिरंगा झूठ बोलती हैं
जो वस्तु जितनी ज्यादा चमकीली होती है
वो उतना ही बड़ा झूठ बोल रही होती है