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"भाजी टोरे बर खेत-खार "औ" बियारा जाये / कोदूराम दलित" के अवतरणों में अंतर

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धान-कोदी, राहेर, जुवारी-जोंधरी कपसा
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भाजी टोरे बर खेत-खार "औ" बियारा जाये,
तिली, सन-वन बोए जाथे इही ॠतु-मां
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नान-नान टूरा-टूरी मन घर-घर के
बतर-बियासी अउ निंदई-कोड़ई कर,
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केनी, मुसकेनी, गुंड़रु, चरोटा, पथरिया,
बनिहार मन बनी पाथें इही ॠतु मां ।।
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मंछरिया भाजी लायं ओली भर भर के ।।
  
हरेली, नाग पंचमी, राखी, आठे, तीजा-पोरा
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मछरी मारे ला जायं ढीमर-केंवट मन,
गनेस-बिहार, सब आथें इही ॠतु मां
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तरिया "औ" नदिया मां फांदा धर-धर के ।
गाय-गोरु मन धरसा-मां जाके हरियर,
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खोखसी, पढ़ीना, टेंगना, कोतरी, बाम्बी धरे,
हरियर चारा बने खायें इही ॠतु मां ।।
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ढूंटी-मां भरत जायं साफ कर-कर के ।।
 
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12:55, 8 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

भाजी टोरे बर खेत-खार "औ" बियारा जाये,
नान-नान टूरा-टूरी मन घर-घर के ।
केनी, मुसकेनी, गुंड़रु, चरोटा, पथरिया,
मंछरिया भाजी लायं ओली भर भर के ।।

मछरी मारे ला जायं ढीमर-केंवट मन,
तरिया "औ" नदिया मां फांदा धर-धर के ।
खोखसी, पढ़ीना, टेंगना, कोतरी, बाम्बी धरे,
ढूंटी-मां भरत जायं साफ कर-कर के ।।