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निर्वाण / महादेवी वर्मा
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|संग्रह=नीहार / महादेवी वर्मा
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घायल मन लेकर सो जाती
बुझ जाने दो देव! आज
मेरा दीपक बुझ जाने दो!
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Sharda suman
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