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"अनसोहाँत ई कदमक फूल / यात्री" के अवतरणों में अंतर

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अनसोहाँत ई कदमक फूल
हमर विधाता छथि प्रतिकुल
दिन बीतल पँ राति पहाड़
तिलकें देखल भेल’छि ताड़
की इच्छा अछि कहु कहु साजन
किए कठोर पिरीतिक शासन
विरह ध्ऑठलि हम अनबूझ
परम अभागलि, पथ नहि सूझ
के रोकत, हम जाएब संग
रति सङ निशि-दिन बसथि अनंग
प्रिय यदि अहाँ रहब अनुकूल
बड़ दिब लागत कदमक फूल