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"टाँग कर विराम / रमेश रंजक" के अवतरणों में अंतर
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19:02, 20 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
टहनी-टहनी महकी चोंच तोतई
पीड़ा दीवार हो गई
एक गन्ध ले-ले कर नाम
अनगूँजे गीत
खोजती रही
शाखों पर टाँग कर विराम
उतर गई धूप सोनई
पीड़ा दीवार हो गई ।