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15:28, 21 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

लरिकउनू आए दफदर ते,
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
घर-बारू गिरिहती<ref>गृहस्थी</ref> चाउपट कयि
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
पीठी पर गठरी पोथिन की
दुयि-चारि रजहटर<ref>रजिस्टर</ref> काँधे पर
कढ़िलति,<ref>घिसटते हुये</ref> कचरति घर का पहुँचे।
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
वाँठन मा लाली, मुँहि मा पौडर
मलु देहीं हयि पियरि-पियरि
ब्बालयि माँ ड्वालयि डगर-मगर
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
उयि-कहिनि ‘तनुकु पानी देतिउ?’
तब बोली ‘कपरा-फींचि’ लिह्यन,<ref>लिया</ref>
पकवानु रहयि सो खुद खायिनि
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
जब ‘कहिनि तनुकु रोटी करतिउ?’
बोलीं ‘हम धुआँ म का करिबयि?’
चूल्हे मा जब मुँहं झर्सि गवा,<ref>झुलस गया</ref>
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
सिंग्गारू पटारूयि होति रहा
दस बजे क घण्टा धरि धमका
भूँख अउ पियास की कउनु सुनयि,
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
तनखाह भली-चोखी पायिन का,
दर्जी - धोबी चाटि लिहिनि;
धन्ना चिकवा चमकटिया का
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।
नकुलसु<ref>गले में पहनने वाला गहना, हार, नेकलस</ref> आई, सूटरू<ref>स्वेटर, ठंड से बचने वाला ऊनी वस्त्र</ref> आवा,
जुरबियि<ref>पैर के निचले हिस्से-पंजों में पहना जाने वाला वस्त्र, मोजा</ref> भूलीं, चूक परी,
लरिका - परिका पटकयि लागीं,
दुलहिनी अँगरेजी बूँकि चलीं।

शब्दार्थ
<references/>