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"सार / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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18:00, 2 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

तुमने
अब तक
उदय होते
और परवान चढ़े
सूरज को ही देखा है,
आज तुम देखना
अस्त होते सूरज को
जीवन का सार है सूरज।