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"झूठा मीठे वचन कहि / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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19:28, 10 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

झूठा मीठे वचन कहि, ॠण उधार ले जाय।
लेत परम सुख उपजै, लैके दियो न जाय॥

लैके दियो न जाय, ऊँच अरु नीच बतावै।
ॠण उधार की रीति, मांगते मारन धावै॥

कह गिरिधर कविराय, जानी रह मन में रूठा।
बहुत दिना हो जाय, कहै तेरो कागज झूठा॥