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"कलम / रश्मि रेखा" के अवतरणों में अंतर

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22:43, 30 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

मेरी कलम मिल गई है
एक लम्बे अर्से बाद
 मेरे पास वापस लौट रही है
मेरी लिखावट
मेरे अक्षर
मेरे शब्द और
मेरी वो अपनी दुनिया
बदल रही है मेरी भाषा

कलम तुम सुख में साथ होती हो
उड़ान भरते पंखों की तरह
दुःख में भी सँभालती हो तुम
सँभालती हैं माँ जैसे छोटे बच्चें को
शब्द
कलम
और मैं
इससे इतर भी गहरा रिश्ता है कहीं

शब्दों के जंगल में उगी हुई शाख मैं
अकेली नहीं हूँ
साथ हो तुम परछाईं की