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"तुम्हें डर है / गोरख पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

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18:26, 15 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण

हज़ार साल पुराना है उनका गुस्सा
हज़ार साल पुरानी है उनकी नफ़रत
मैं तो सिर्फ़
उनके बिखरे हुए शब्दों को
लय और तुक के साथ लौटा रहा हूँ
मगर तुम्हें डर है कि
आग भड़का रहा हूँ