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"धूप की क़िस्में / राधावल्लभ त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

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पेड़ों से छन कर आती हरी धूप
 
पेड़ों से छन कर आती हरी धूप
  
सबसे अच्ची धूप --
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सबसे अच्छी धूप --
 
हाड़ कँपाता जाड़ा झेलते
 
हाड़ कँपाता जाड़ा झेलते
 
ग़रीब का तन
 
ग़रीब का तन

13:36, 7 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

धूप की कई क़िस्में होती हैं
गुनगुनी धूप
गुलाबी धूप
नम धूप
तीखी धूप
बदन सहलाती मुलायम धूप

धूप के कई रंग होते हैं
सुनहरी धूप
हल्दी के रंग की पीली धूप
पेड़ों से छन कर आती हरी धूप

सबसे अच्छी धूप --
हाड़ कँपाता जाड़ा झेलते
ग़रीब का तन
गरमाने के लिए
घने कोहरे को भेद कर
बाहर आने को आकुल धूप...