"जीवन हमेशा रहा अपवादनुमा / नीलोत्पल" के अवतरणों में अंतर
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जीवन हमेशा रहा अपवादनुमा
हुआ वह जो सपनों की स्लाईड स्क्रीन पर से
मिटा दिया गया़
और हमें ख़बर भी नहीं की गई
हम हमेशा देखते रहे
भ्रम की आंखों से
वे कितनी अपनी लगती हैं
कभी उड़ती तितलियों में झूलते रहे
कभी बहा दिए रंगों में ढूंढते रहे
एक रंग अपनी तरह का
कभी जागे ही नहीं नींद से
लगता रहा दूसरों की आंखों में
नीला समुंदर है
जितना डूबना उतने मोती अपने
जीते रहे दूसरों के गीतों में
उन नाज़ुक उंगलियों में
जो थरथराती थी स्टेज पर
लेकिन छुते ही गायब हो जाती
कुछ गाती हुई परछाईयां
उन शब्दों में
जिनके सिरे डूबे हुए थे अंधेरों में
हमने उनमें चांद देखा
और बहुत-सी सूरतें
जिन्हें चिन्ह्ति करना असंभव था
शराब इन सबसे अलग थी
वह मामूली चीज़ों के पीछे छिप जाती
और उन्हें बड़ा बनाती
यह सबसे आसान तरीक़ा था
ख़ुद से बचने का
जीने का कोई मक़सद नहीं था
वह तो हम बहाने से छिपकर
उतरते थे उन ख़ामोशियों में
जो बड़ी थी हमसे
वे नहीं थी हमारी
आख़िर
यह सब भी हमारे हाथ नहीं आया