भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फलसफा / अरविन्द कुमार खेड़े" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द कुमार खेड़े |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:11, 26 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

आशिक़ों
यदि पढ़ा है तुमने
इश्क की राह का
फलसफा
एक पुड़िया रखो हमेशा
अपने साथ
जिसमें हो
अपने मुल्क की मिटटी.