भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"राजकुमार / अरविन्द कुमार खेड़े" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द कुमार खेड़े |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:15, 26 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

राजकुमार...
भद्र पुरुष होते हैं.
वे प्रायः
शांत और चुप रहते हैं.
अपनी प्रजा की खुशहाली का
पूरा ध्यान रखते हैं.
किसी को सताते नहीं.
माँ से सुना है-
वे जो बोलते हैं
वह फरमान होता है.
दर्ज हो जाता है इतिहास में.
अपने राज्य को
बाहरी आक्रमण से बचाने के लिए
वे जब करते हैं
युद्ध का शंखनाद
करते हैं आव्हान
एक तरह से
फरमान ही होता है.
या अपने राज्य की भलाई के लिए
लगान चुकाने की करते हैं अपील
एक तरह से फरमान ही होती है.
राजकुमार जो बोलते हैं
वह फरमान होता है.