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"मैं अपनौ मनभावन लीनों / बिहारी" के अवतरणों में अंतर

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इन लोगनको कहा कीनों मन दै मोल लियो री सजनी।
 
इन लोगनको कहा कीनों मन दै मोल लियो री सजनी।
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कहा भयो सबके मुख मोरे मैं पायो पीव प्रवीनों।
 
कहा भयो सबके मुख मोरे मैं पायो पीव प्रवीनों।
 
रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम सिर बिधना लिख दीनों॥
 
रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम सिर बिधना लिख दीनों॥
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14:08, 29 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

मैं अपनौ मनभावन लीनों॥
इन लोगनको कहा कीनों मन दै मोल लियो री सजनी।
रत्न अमोलक नंददुलारो नवल लाल रंग भीनों॥
कहा भयो सबके मुख मोरे मैं पायो पीव प्रवीनों।
रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम सिर बिधना लिख दीनों॥