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"आपसे हो म्हारो लखपति बाप / निमाड़ी" के अवतरणों में अंतर

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16:57, 21 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आपसे हो म्हारो लखपति बाप,
साड़ी लावसे रेशमी जी।।
हऊं नापूँ तो हात पचास,
तोलूँ तो तोला तीस जी।।
हऊँ धरूँ तो तरसऽ म्हारो जीवड़ो,
पेरूँ तो खिरऽ मोतीड़ा जी।।
आवसे हो म्हारो लखपति बाप,
साड़ी लावसे रेशमी जी।।