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"होली खेलू आज किसन / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

होली खेलूं आज किसन,
प्यारे होली खेलूं।
आवत महल तुम्हें गह लूंगी
सगले सखन से कर न्यारे। होली...
लेहों काड़ कसर पिया सगरी
बन प्रमोद तुमने रंग डारे। होली...
देखों लाल आज तुम कैसे
रसिया अजब बने बारे। होली...
राधा दुलारी जान नें पावें
रसिया अजब बने न्यारे।