भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भेरूजी गोतन बाजूटिया रा सावला / मालवी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:13, 31 जनवरी 2015 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
भेरूजी गोतन बाजूटिया रा सावला
उनी सुतारण ले लाव ललकार
हातां री झालो देती आवे रे गुड़ री गूजरी
भेरू जी जो तम कलस्या रा सावला
उनी कुमारण से लाव ललकार
भेरूजी जो तम तेल-सिंदूर सावला
उनी तेलण खे लाव ललकार
भेरूजी जो तम नायका रा सावला
उनी कंठालण ले लाव ललकार
भेरूजी जोतम मेवा रा सावला
उनी मालण खे लाव ललकार
भेरूजी जो तम बीड़ा रा सावला
उनी तंवोलण खे लाव ललकार
भेरूजी जो तम घुघरा रा सावला
उनी सुनारण खे लाव ललकार
भेरूजी जो तम घी-खिचड़ा रा सावला
उनी कलालण खे लाव ललकार
भेयजी जो तम घी-खिचड़ा रा सावला
उनी बऊ खे लाव ललकार
भेरूजी जो तक भेंट का सावला
तो तम उना सेवक ले लाव ललकार
भेरूजी जो तम आरती का सावला
तो तम उनी कुंवासी खे लाव ललकार