भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पान का पठयों दुलहे दुलेरूआ / बघेली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:15, 16 मार्च 2015 के समय का अवतरण
बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पान का पठयों दुलहे दुलेरूआ कहना रह्याउ वेलमाय
की बेलम्या तुम राजा दरवरिया की बेलम्या ससुरार
ना हम बेलमेन राजा दरवरिया ना बेलमेन ससुरार
हम तो बेलमेन आजा बगैचा कोइली गहागह लेय
हम तो बेलमेन पिता के बगैचा जहां कोइली गहागह लेय
हम तो बेलमेन काका के बगैचा जहां कोइली गहागय लेय
हाथ कै हिरौधी मैं तोही देहों फंसिया कोइली पकरि लै आव
डर डर बउड़े फंसिया बेटउना पत पत कोइली लुकाय
कोइली पकरि के जंघ बैठाइन पूछैं कोइलिया से बात
काहे मंढाऊं तौर अंखना रे पखना काहे मढ़ाऊ तोर चोच
रूपवा मढ़ावा मोरे अखना रे पखना सोनवा मढ़ावा मोरी चोच