भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"परख / दीप्ति गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप्ति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:25, 19 मार्च 2015 के समय का अवतरण

देना होगा मेरा साथ
मैं फूल बनूँ या काँटों की डाल
देना होगा मेरा साथ
मैं पतझड बनूँ या बसन्त बहार
देना होगा मेरा साथ
मैं रात बनूँ या दिन उजियार
देना होगा मेरा साथ
मैं तपन बनूँ या बनूँ फुहार
देना होगा मेरा साथ
मैं बनूँ कटुता या बनूँ मिठास
देना होगा मेरा साथ
मैं दर्द बनूँ या बनूँ करार
देना होगा मेरा साथ
मैं आँसू बनूँ या बनूँ सुहास
देना होगा मेरा साथ
मैं जीत बनूँ या बनूँ मैं हार!