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जसुदै दैंन उरानों जइये।
हाल लला कौ कइये।
हीरा हाट बिचौली पैरी
चोली फटी दिखइये।
कछुअक साँसी कछुअक झूँठी,
जुरे मिले कैं कइये,
आठ घरी दिन रात ‘ईसुरी’।
काँलौं कैं गम खइये।