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"जसुदै दैंन उरानों जइये / ईसुरी" के अवतरणों में अंतर
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16:33, 1 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
जसुदै दैंन उरानों जइये।
हाल लला कौ कइये।
हीरा हाट बिचौली पैरी
चोली फटी दिखइये।
कछुअक साँसी कछुअक झूँठी,
जुरे मिले कैं कइये,
आठ घरी दिन रात ‘ईसुरी’।
काँलौं कैं गम खइये।