गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
स्वतंत्रता के दीवाने / अज्ञात रचनाकार
3 bytes removed
,
15:33, 1 मई 2015
गोदी सूनी हो जाएगी, कितनी ही माताओं की,
और चूड़ियां भी उतरेंगी, कितनी ही अबलाओं की।
घिर आएंगी
शिशुआंे
शिशुओं
पर भी, घोर घट विपदाओं की,
जबकि चलेगी भारत भू पर, वह आंधी अन्यायों की।
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,137
edits