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के धैर्य धरी
सुखले के मरी

मउवति जे रसगर बनाई
ओही में जब जीव सउनाई
मुअले के डर ना रहि
जियला के मजा आ जाइत

चाहतानी
सउना-मउना हो जइतीं
मउवति के पाग से
जिनिगी के लाई बन्हाइत
घरघर बँटाइत

के धैर्य धरी
सुखले के मरी।
31.01.92