भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हमरे मन में / मोती बी.ए." के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोती बी.ए. |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

16:27, 20 मई 2015 का अवतरण

हमरे मन में दुका भइल बाटे
चोर कवनो लुका गइल बाटै
कुछ चोरइबो करी त का पाई
दर्द से दिल भरल पुरल बाटे
आँखि के लोरि गिर रहल ढर ढर
फूल कवनो कहीं झरल बाटे
सुधा ढरकि गइल त का बिगड़ल
हमके पीए के जब गरल बाटे
दर्द दिल के मिटे के जब नइखे
चोर झुठहू लगल - बझल बाटे
09.08.93