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"कहऽ त धानी अपन मइया बोलाबूँ / मगही" के अवतरणों में अंतर

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कहऽ त धानी<ref>सौभाग्यवती</ref> अपन मइया<ref>माँ</ref> बोलाबूँ।
न राजा हो, उनकर<ref>उनका</ref> आदर अब कउन<ref>कौन</ref> करतइन<ref>करेगा</ref>॥1॥
कहऽ त धानी अपन बहिनी बोलाबूँ।
न राजा हो उनकर नखरा कउन सहतइन<ref>सहन</ref>॥2॥

शब्दार्थ
<references/>