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"समय रहते / रामभरत पासी" के अवतरणों में अंतर
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समय रहते दबा दो
मिट्टी में गहरे
उन सड़ी-गली परम्पराओं को
बदबू फैलाने से पहले
किसी लाश की तरह
क्योंकि फिर
नहीं झुठला पाओगे तुम
पानी और रेत से भरी
बाल्टी पर लिखे
'आग' जैसे
अपने दामन पर लगे
बदनुमां धब्बे को।