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"चटपटी कविता / दिविक रमेश" के अवतरणों में अंतर

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12:28, 9 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

नटखट नटखट
मिलकर दोनों
जब देखो तब
करते खटपट।

झटपट झटपट
आती मम्मी
उन्हें देखती
होते लटपट।

हटहट हटहट
उन्हें छुड़ाती
पर वे लड़ते
रहरह डटडट।

पापा आए
करते खटखट
डांटा उनको
फटफट फटफट।

सोचा चांटे
पड़ें न चटचट
भागे दोनों
सरपट सरपट।

रुके देखकर
चाट चटपटी
खाकर चीखे
जली कनपटी।