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"हड़बड़ राम / दिविक रमेश" के अवतरणों में अंतर
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हड़बड़ में रहते हैं भैया
कोई भी हो काम।
इसीलिए तो सब कहते हैं
उनको हड़बड़ राम।
एक बार तो गजब हुआ जब
बाथरूम से निकले
सेविंग क्रीम नहीं गाल पर
टूथपेस्ट थे मसले।
झाग नहीं बनता तो कहते
लूट लिते हॆं दाम।
हड़बड़ में रहते हैं भॆया
कोई भी हो काम।
पहन पजामा निकले इक दिन
बड़ी शान से भॆया
पेटीकोट पहन रखा था
समझ न पाए भैया।
हँसते-हँसते बुरा हाल था
लाल हुए थे कान।
हड़बड़ में रहते हैं भैया
कोई भी हो काम।