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"जब तक / इमरोज़ / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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16:12, 11 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

इक दरिया
खामोश मुहब्बत का दरिया और
सब नज्में
अनलिखी हो जायें
धरती पढ़े
या आसमां
लोग नहीं
जब तक
पढने योग्य नहीं हो जाते