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"नपुंसकता / लोकमित्र गौतम" के अवतरणों में अंतर

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18:26, 13 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

तुम सोच रहे होगे
  अब जब तक ये दुनिया रहेगी तुम्हारा नाम
  सच्चे प्रेमियों की फेहरिस्त में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा
  क्योंकि तुमने वो कर दिखाया जो बड़े बड़े नहीं करते
  तुमने जिस बर्बरता से अपनी प्रेमिका पर कुठाराघात किया
  उतने ही बर्बर दुस्साहस से अपनी भी गर्दन काटकर जहर पी लिया
....और इस तरह अपने सच्चे प्यार की पुष्टि कर दी
 तुम्हें लगता होगा
अब सदियां तुम्हें मुहब्बत का मुहावरा समझेंगी
 तुम्हारे जुनून को दाद देंगी
लडकियां तुम्हारी दिलेरी और जवांमर्दी के कसीदे काढेंगी
..और लड़के धाक ज़माने व धमकी देने के लिए
 तुम्हारे नाम की आखिरी कसम खायेंगे
क्योंकि तुमने साबित कर दिया है
मेरी नहीं तो तुम किसी की नहीं’
हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .....ह्ह्ह्....
 हंसी आती है तुम्हारी सोच पर
तरस आता है तुम्हारे इस सरलीकरण पर
 तुम भूल गए, यह आजाद सदी है
नयी पीढ़ी किसी पढाये गए नियम
 या समझाए गए फार्मूले की जद में से नहीं सोचती
मसला चाहे मोहब्बत का हो या मोबाइल का
अब लड़कियों के पास भी अपनी एक मुकम्मिल पसंद है
कहता रहे कोई इन्हें उपभोक्ता पीढ़ी
इस ताने के एवज में लड़कियां
बहुत संघर्षों से हासिल अपनी
आजादी को नहीं गंवाने वाली
यह पीढ़ी अपनी पसंद न पसंद की कीमत खूब जानती है
इसलिए ये तुम्हारे आत्मघात को अफसाना नहीं बनाने वाली
जानते हो तुम्हारी इस हरकत को ये पीढ़ी क्या कहती है?
जी,हाँतुमने सही सुना नपुंसकता!!!