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"हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा / मगही" के अवतरणों में अंतर

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हम तोरा पूछिला<ref>पूछते हैं</ref> कवन अलबेलवा।
के रे<ref>कौन रे</ref> सम्हारे बाबू के एहो रँगल मउरिया॥1॥
मलिया के जलमल<ref>जन्मा हुआ</ref> बँगाली बहनोइया।
ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल मउरिया॥2॥
हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा।
के रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जोड़वा<ref>दे.वि.गी. सं. 50 टि. 5</ref>॥3॥
दरजिया के जलमल बँगाली बहनोइया।
ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जोड़वा॥4॥
हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा।
के रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जुतवा॥5॥
चमरा के जलमल बँगाली बहनोइया।
ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जुतवा॥6॥

शब्दार्थ
<references/>