भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दादा मियाँ लगाइन घनी बगिया / मगही" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:31, 28 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दादा मियाँ लगाइन<ref>लगाये</ref> घनी बगिया।
मेवा तोड़ तोड़ खइहे, मेरे लाल बने<ref>दुलहा</ref>॥1॥
ससुर भँडुए की साँखरी गलिया।
दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने॥2॥
दादा मियाँ की ऊँची दलनियाँ<ref>दालान, बैठका</ref>।
जहाँ सासु को नचइहो<ref>नचाना</ref> मेरे लाल बने॥3॥
बाबा मियाँ लगाइन घनी बगिया।
मेवा तोड़ तोड़ खइहे, मेरे लाल बने॥4॥
साले भँडु़ए की साँखरी गलिया।
दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने॥5॥

शब्दार्थ
<references/>