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"नंदू को जुकाम / रामनरेश त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

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16:35, 11 अगस्त 2015 के समय का अवतरण

बहुत जुकाम हुआ नंदू को,
एक रोज वह इतना छींका।
इतना छींका, इतना छींका,
इतना छींका, इतना छींका।
सब पत्ते गिर गए पेड़ के,
धोखा हुआ उन्हें आंधी का!