भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"संकल्प / भुवनेश्वर सिंह 'भुवन'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भुवनेश्वर सिंह 'भुवन' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:10, 19 अगस्त 2015 के समय का अवतरण

सत्य-समर-रत रहि सतत हम निश्चय जय पैब,
सर-दुर्लभ-यश लूटि वा अमरपुरी हम जैब।

तुच्छ शृगालक क्रन्दने भए न सकब हम म्लान,
जँ धन-धुनि सुनि पड़ततँ गरजब सिंह समान।

छी पाथेय-विहीन हम एकाकी असहाय,
स्वप्नहुमे मृगपतिक मन ई चिन्ता न समाय।
ढाहि गुमानिक मान-गढ़ दुर्जन शेखी झाड़ि,
थापब नीतिक राज हम सिंह समान दहाड़ि।