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"चूहे राजा भूले पाठ / कन्हैयालाल मत्त" के अवतरणों में अंतर
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चूहे राजा भूल गए फिर रटा-रटाया पाठ,
घबराकर उलटी पट्टी पर लिखा आठ को साठ।
पूसी जी ने बेंत उठाई, बोली नामाकूल,
ऐसी छेाटी बात गया तू कितनी जल्दी भूल।
डर के मारे चूहे जी का लगा काँपने गात,
जान बचाकर ऐसे भागे, छूटी कलम-दवात।