भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सो जा मेरी नन्ही सिहरन / अनामिका" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनामिका |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatLori}} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:06, 17 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण
सो जा मेरी नन्ही सिहरन
सो जा मेरी झिलमिल उलझन,
लाल पलंग पर सो जा!
चंदा मामा आएगा
नए खिलौने लाएगा,
तब तक तू निंदिया के जल में
छुपुर-छुपुरकर ताजा हो ले!
अंधियारे के कजरौटे से
एक डिठौना तेरे माथे!
दूध-बताशा लिए चांदनी
गुटुर-गुटुर तू पी ले, बेटी!
हवा झुनझुना बजा रही है,
लहरें स्वेटर बना रही हैं।
उठकर घुम्मू करने जाना,
बाबा की छाती सिरहाना!
सो जा मेरी झिलमिल उलझन!