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"हरियाणा / वर्षा गोरछिया 'सत्या'" के अवतरणों में अंतर

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21:10, 6 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

गाँव भर में
चर्चा है
वो भाग गयी
बदचलन थी
कई दिनों से लक्षण ठीक नहीं थे
मटक मटक कर चलती
ओढ़नी कभी सर पे नहीं रखती
कुल को डुबो गयी

आकर देखे कोई अब
तीन हफ़्तों से
मिट्टी-तले सो रही है
कहाँ गयी
यहीं तो है