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02:00, 10 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

ईश्वर
यदि तुम हो!
तो
क्या चाहते हो?
अपनी नियमित पूजा-पाठ
आडम्बरयुक्त आराधना-अर्चना
पाखण्डपूर्ण सेवा-समर्पण
भोग-विलासी जीवन
तिलकधारियों की चापलूसी
जनेऊवालों की खुशामद
भेदभाव-दुराचार
छुआछूत वाली वर्ण व्यवस्था
या कुछ और
तुम जो भी चाहते हो,
मनभेद मत रखो
साफ-साफ कहो।