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मुझे गर्व है,
अपने हिन्दू होने पर
मुझे गर्व है,
अपनी चातुर्वर्ण व्यवस्था पर
मुझे गर्व है,
अपने शुद्र होने पर
मुझे गर्व है,
दलित कहलाने पर
मुझे गर्व है,
सवर्णाें की बेगारी करने पर
मुझे गर्व है,
अपने साथ छुआछूत का व्यवहार किए जाने पर
मुझे गर्व है,
अपने ही गाँव के सार्वजनिक कुएँ से खदेड़े जाने पर
मुझे गर्व है,
चमरौटी की महिलाओं के साथ मुँह काला करने वालों पर
मुझे गर्व है,
जहानाबाद नरसंहार करने वाले तथाकथित अगड़ों पर
मुझे गर्व है,
कम्बलापल्ली के रेड्डियों पर
जिन्होंने जला दिया नौ दलितों को जिन्दा ही
मुझे गर्व है,
मुड़पहार की जागरूक जनता पर
जिसने दलितों का हुक्का-पानी बन्द कर दिया
मुझे गर्व है,
धर्म के सभी ठेकेदारों पर
जो अब भी तोता रटंत लगा रहे हैं
मुझे गर्व है,
मैं दलित होकर
अब भी हिन्दू ही हँू
मुझे गर्व है,
इतना सब होने पर भी
कोई माई का लाल
मुझे लानत नहीं भेजता!