भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यह सच है / असंगघोष" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असंगघोष |अनुवादक= |संग्रह=मैं दूँ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:52, 14 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

तुम्हें
मेरा कहा
सदा याद रहता है
कह गिनाने को

और...
तुम
अपना कहा
बिसर जाते हो