भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मेरा दर्द / असंगघोष" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असंगघोष |अनुवादक= |संग्रह=हम गवाह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:09, 16 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

मेरे जूतों में
पाँव धर
चलते
दिखाई देता है
वह आदमी

हाँ!
अब उसे पता चलता है
मेरा जूता
कहाँ-कहाँ से काटता है।