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"मेरा मरद जानता है / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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मैं फसल उगाती हूँ
वह खा जाता है
चुनती हूँ लकड़ियाँ
वह ताप लेता है
मैं तिनका तिनका बनाती हूँ घर
वह गृह स्वामी कहलाता है
उसे चाहिए बिना श्रम किये
सब कुछ
मैं सहती जाती हूँ
जानती हूँ
ऐसे समाज में रहती हूँ
जहाँ अकेली स्त्री को
बदचलन साबित करना
सबसे आसान काम है
और यह बात मेरा मरद
अच्छी तरह जानता है।